स्वतंत्रता दिवस इस बार कृपया विशेष ढंग से मनाएं ............
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अपना समाज पिछड़ा है [१] सत्ता में [२] साहित्य में
सत्ता है (१) राजनीति (२) नौकरशाही का युग्म
साहित्य है (१)पत्रकारिता (२) कविता,कहानी लेखन आदि
इन क्षेत्रों में कुर्मी समाज पिछड़ा नहीं अपितु जबरदस्त पिछड़ा है |
पत्रकारिता और साहित्य में तो हम गर्त में हैं |
ब्राह्मण समाज आरंभ से ही लिखने / लिखानें में आगे रहा है तभी सर्वश्रेष्ठ बना हुआ है |
शासन राम का रहे तो ' वशिष्ठ ' चन्द्रगुप्त मौर्या का रहे तो 'चाणक्य यहाँ तक आज भी वही स्थिति है |
आयें हम इन क्षेत्रों में संगठित हो कर कार्य करें .......
१५ अगस्त में गोष्ठियां आयोजित करें जहां हों वहीँ , विषय हो .........
" सत्ता और साहित्य में सहभागिता "
अपने यहाँ से सामग्री छपने को अवश्य भेजें |
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