समस्त बहनों , एवं भाईयो ,
आप सभी समाज के सबसे बड़े हितचिन्तक हैं | आप लगातार संपर्क banaye हुए हैं |इसके कार्य कलाप पढने वाले दुनिया के अनेक देशों में फैले हुए हैं .....मात्र १९ दिनों में इसके 750 पाठक होने का अर्थ ही है कि महा संघ कि कितनी लोकप्रियता है , वह भी भारत से बहार अमेरिका , जर्मनी , ब्रिटेन , मलयेशिया , सिंगापूर , श्रीलंका आदि देशों तक फैले हुए |
कूर्मि क्षत्रिय समाज में अनेकों संगठन बहुत वर्षों से कार्यरत हैं ...महा नगरों से लेकर कस्बों और गांवों तक सारे देश में फैले हुए |वे प्रथक , प्रथक कम कर रहे हैं , पर उनमें आपस में समन्वय की , तालमेल की भारी कमी है , साथ ही यह भी पाया गया है कि नाम तो हम क्षत्रपति शिवा जी और लौहपुरुष सरदार पटेल का लेते हैं पर हम में जुझारूपन की भी कमी है |गुजरात , छत्तीस गढ़ और अब बिहार इसके उदाहरण हैं , जहां जुझारूपन आया और आप सत्ता में आये | उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे ख़राब है जहाँ पर समाज लगातार सत्ता से दूर होता चला गया और अब अंतिम करो या मरो की स्थिति में समाज पहुँच चुका है |
छोटे , छोटे दलों में बँट कर सत्ता से दूर तो हुआ जा सकता है , कभी सत्ता प्राप्त नहीं की जा सकती है |डाक्टर आंबेडकर ठीक ही कहते थे की विकास के ताले की चाभी सत्ता है , विकास का ताला सत्ता की चाभी से खुलेगा| आईये आप अपना अमूल्य सुझाव हमें दीजिये , महा संघ के साथ संघर्ष में सामिल हों जिसके लिए आपका समाज जाना जाता है ... शिवाजी , सरदार पटेल की आत्माएं निश्चित प्रसन्न होंगी |
समाज के प्रतिनिधि और राजनेता दोनों ही समाज को ले कर चलें तभी कुछ होगा |अभी नेता तो समाज के कोटे का लाभ प्राप्त कर ऊँचे पदों में पहुँच जाता है पर वह समाज को उपेक्षित कर देता है परिणामस्वरूप समाज राष्ट्र की मुख्या धारा में नहीं आ पाता है |नयी पीढ़ी से विशेष आह्वाहन है की वे आगे आ कर समाज को नेतृत्व दें| समाज को आज पत्रकारों , कवियों , लेखकों की भी अति आवश्यकता है , इनसे समाज अति विकसित की श्रेणी में आता है|
आईये हमारे ई मेल पर अपने विचार , अनुभव , सुझाव भेजें|
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