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Thursday, 21 July 2011

kurmi utsah

आज कल फेस बुक  की  धूम है| कुर्मी  ,सचान  तथा अन्य कई ग्रुप  हैं | जोश 
की सीमा नहीं |लगता है सन्देश आदान   प्रदान से   समाज  विकसित  हो जायेगा | कुछ को  छोड़ कर  शेष  अपनी  और अपने समाज   की उर्जा का अपव्यय करते हैं |समाज राजनीति में पिछड़ा है , कितने लोग राजनीति में      
जा रहे हैं ? समाज saahitya में पिछड़ा है , कितने लोग साहित्यकार   बनने  की प्रक्रिया में हैं? समाज मीडिया में  पिछड़ा  है , कितने लोग उधर जा रहे हैं ?
                        कोई योजना पर चर्चा नहीं |ठोस कार्य नहीं | मिल  कर कार्य  न करने की पुरानी आदत |अब यह पिछडापन दूर हो तो कैसे  ?
यही तो होता आया है | कोई एक दुसरे का नेतृत्व  मानने को तैयार नहीं | 

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