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{a blog of akhil bhartiya kurmi kshatriya mahaa sangh}SINGLE PLATFORM FOR ALL ORGANISATIONS OF COMMUNITY OF WORLD. IT IS TO SUPPORT ALL AND GET SUPPORT FROM ALL. BE FIGHTER . BE SHIVAJI. BE SARDAR PATEL. --HQ -63 NITI KHAND 3rd ,INDIRAPURAM ,GHAZIABAD [email.. kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com] [kurmimahaasangh@gmail.com] ,[kurmikms@gmail.com ],[horisardarpatel@gmail.com ] MUKH PATRA of MAHAA SANGH 'PATEL TIMES' is now online ...pateltimes.blogspot.com
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Saturday, 31 December 2011
HAPPY NEW YEAR
Sunday, 25 December 2011
क्या आप सामाजिक संगठन कूर्मि क्षत्रिय महा संघ से जुड़ेंगे ? अपना कार्य क्षेत्र चुनें . सूचित करें .....ईमेल horisardarpatel @gmail .com ब्लॉग kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com में मेम्बर बनें
Tuesday, 20 December 2011
BAMBOO PLANTATION BY FARMERS, ITS PROFIT
Monday, 12 December 2011
PATELS OF WORLD
PL COMMUNICATE US WITH OUR EMAILS.
WAITING.
KURMIKSHATRIYAMAHAASANGH.BLOGSPOT.COM
PATELTIMES.BLOGSPOT.COM
WELCOME SUGGESTIONS
you are energetic ,devoted to hard work and have feeling to serve society. so mahaasangh requests you to send suggestions for social service . we welcome your suggestions. suggestions will be published in blogs ..'kurmikshatriyamahaasangh.blogspot.com' and 'pateltimes.blogspot.com'
valuable suggestions will be spread over through our workers in whole country and abroad .
pl send to email ..horisardarpatel@gmail.com
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Sunday, 11 December 2011
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GAANW , GALI , KHALIHAAN
Saturday, 10 December 2011
BAS THODAA SAA
Friday, 9 December 2011
EK DIN ,EK GHANTE
Wednesday, 7 December 2011
राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव ************************************** कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें | ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली
राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव ************************************** कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें | ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली
Monday, 5 December 2011
[पिछड़ा और दलित ]कौन ......???????? जो वर्ग लेखन , कविता ,पत्रकारिता , साहित्य से दूर रहता है वही पिछड़ा है . कुर्मियों को देखो ..कवि , लेखक. ,पत्रकार अत्यंत मुश्किल से एक - दो पूरे देश में मिलते हैं . आईये पिछड़ों को उठायें ...कलम थमाएं , patrakar और साहित्यकार बनायें . कुर्मिक्षत्रिय महा संघ
VISIT OF 3RD DECEMBER OF MAHARAJ GANJ
शहीद स्मारक के बाद कुर्मिक्षत्रिय महा संघ का काफिला तीन बड़ी गाड़ियों में सवार सबसे पहले पहुंचा ग्राम बरहरा मीर श्री अनिल पटेल ग्राम प्रधान के निवास | इनके यहाँ संक्षिप्त बैठक हुयी और किसान भाईयों को सागौन ,पपीता , बांस, सब्जियों और फूलों की खेती पर विशेष ध्यान देने के लिए 'होरी' जी ने जोर दिया और कहा की गेहूं और धान को अपने परिवार की आवस्यकता भर बोयें | गेहूं और धान में लागत के मुकाबले आय कम है इसलिए इनको बोने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगडती जा रही है | देश में आज भी कुर्मियों की आबादी का ९९% गांवों में रह कर खेती करता है इस कारण कुर्मी विशेष कर गरीब होता जा रहा है |
महाराज गंज में किसानों के पास बड़ी जोते हैं वे आसानी से अपनी भूमि के कुछ हिस्से में बांस और सागौन लगा सकते हैं |ये दोनों पेड़ मेड़ों में भी लगा सकते हैं | इस क्षेत्र में भ्रमण में पाया गया की ये पेड़ भरी संख्या में किसानों ने लगाये हैं लेकिन उनमें पूछने पर ज्ञात हुआ की कुर्मी किसानों की संख्या अत्यंत कम है |राजनीतिक जागरूकता पर भी वार्तालाप में जोर दिया गया | समाज के उत्थान पर जोर के साथ बैठक समाप्त हुयी | जिले के पदाधिकारियों का चयन कर उनका सम्मान किया गया |
इसके बाद कारवां चल पडा ग्राम करौता ,यहाँ की बैठक आयोजित कीथी ग्राम प्रधान श्री ब्रह्म्मानंद पटेल ने | यहाँ पर समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया और विभिन्न वक्ताओं द्वारा संघ की और से सामाजिक सुधार और उत्थान के कार्यक्रमों का समर्थन किया गया | ग्रामवासियों द्वारा राष्ट्रिय अध्यक्ष के आह्वाहन पर खेती में परिवर्तन का समर्थन किया गया |'होरी' जी ने कहा की बिना पेट भरे उन्नति संभव नहीं व्यावसायिक खेती के साथ बकरी पालन के व्यवसाय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कुर्मी परिवारों के लिए इसे अपनाने पर जोर दिया ....कम लागत में अधिक लाभ इसका मूल मन्त्र है .धन्यवाद् के साथ काफिला चल पडा ....
ग्राम पिपरा सोनारी |ग्राम प्रधान मुन्नी लाल पटेल ने सभी का स्वागत किया |भारी जन समूह को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधित किया | बिरादरी की शहरीकरण की स्थिति पर कहा की देश में ३०% जनसँख्या शहरों में है पर कुर्मी आज भी ९९% गांवों में है इसे दूर करना होगा और अपने पास के कस्बों में बसना होगा | निचलौल , नौतनवा , महाराज गंज तथा अन्य कस्बों में कुर्मियों की आबादी मात्र एक प्रतिशत है जबकि अन्य समाजों की अधिक आबादी है |जो कुर्मियों से सत्ता और साहित्य में आगे हैं |
ग्राम लाल पुर चटिया रात ७ बजे पहुंचे भारी संख्या में यहाँ भी स्वागत का कार्यक्रम था जो एक घंटे चला यहाँ के पत्रकार श्री सुरेश चौधरी तथा इन्द्रजीत चौधरी ने आयोजन मिल कर ग्राम वासियों के साथ किया था भारी उत्त्साह के साथ कार्यक्रम चला | आज का अंतिम कार्यक्रम था सर्कह्वा ठुठी बारी में एक मंदिर के प्रांगन में एकदम नेपाल बार्डर में नो मैन्स लैंड के पास यहाँ का आयोजन किया था श्री जगन्नाथ सिंह और श्री नन्द जी ने ,दोनों बुद्धि जीवी और प्रधानाचार्य | रात १० बजे तक चले इस कार्यक्रम में उत्त्साह देखते ही बनता था | भारत के एक ओर नेपाल के किनारे बसे निवासियों ने एक स्वर से श्री 'होरी' जी का आभार प्रदर्शित किया और उनके नेतृत्व में समाज को उठाने में कदम से कदम मिला कर चलने का आश्वासन दिया |
वापस महाराज गंज मुख्यालय रात १२ बजे काफिला पहुंचा और दिन भर के सफल कार्यक्रमों के बाद यहाँ रात्रि विश्राम किया |
कुर्मिक्षत्रिय महा संघ/ पटेल टाईम्स ब्यूरो
Sunday, 4 December 2011
shahid smarak maharaj ganj
Friday, 2 December 2011
VISIT OF MAHARAJGANJ ON 3RD AND 4TH DECEMBER
IT IS RURAL AND UNDEVELOPED DISTT. LET US DEVELOP IT UNITEDLY.KISANS AND KURMIS NEED SPECIAL CARE.
BEURO CHIEF .
PATEL TIMES
Sunday, 27 November 2011
1857 ke shahid raja jay lal singh ......
अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव
आज मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे साथ थे ..श्री संतराम पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व प्रथम मिले रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर पर है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
१८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल कर युद्ध लड़ रहे थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
अतरौलिया ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
राजा गरीब दास
राजा दर्शन सिंह
[१]पहली रानी [२] मझली रानी [३] छोटी रानी
एक लड़की मात्र [१]रघुबर दयाल [२]फ़तेह बहादुर [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल
[१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप तेज प्रताप सिंह ठाकुर प्रसाद सिंह
[१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण [१]नरसिंह [२]सतगुरु
[१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह [१] खुनखुन सिंह
[१]राजेंद्र प्रताप सिंह
रानी श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं .
राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
राज कुमार सचान 'होरी'
1857 ke amar yoddha
आज मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे साथ थे ..श्री संतराम पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व प्रथम मिले रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर पर है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
१८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल कर युद्ध लड़ रहे थे . जयलाल सिंह को
Friday, 25 November 2011
sultanpur, jaunpur visit 26/11/11
Thursday, 24 November 2011
ek mahatwapoorna sujhaw
*********************
समाज के वे परिवार जो कस्बों , नगरों में शिफ्ट हो गए और जिनके परिवारों में खेती को देखने वाला कोई नहीं है ,उन्होंने अपने खेतों को या तो आधे /तिहाई पर दे रखा है या वार्षिक किराये पर उठा देते हैं जिसे रेंट /ठेका /बल्कठ कहते हैं , इन्हें खेती से अपेक्षित लाभ नहीं होता है .उनके लिए सुझाव है कि खेतों में सुरक्षा बाड़ लगा कर टीक [सागौन] लगा दें तीन ,तीन मीटर पर . समय समय पर पानी , खाद की व्यवस्था भी करते रहें . एक अवधि के पश्चात एक बहुत बड़ी पूँजी आपके हाथ होगी जो लाखों से करोणों तक हो सकती है
आईये कुछ तो सोचें . आपका भला है .
राज कुमार सचान 'होरी'
Wednesday, 23 November 2011
Fwd: कविता
From: Dharmendra Gangwar <jnvdharmendra@gmail.com>
Date: 2011/11/23
Subject: कविता
To: horisardarpatel@gmail.com
कोई लगी भली...
जब वो मुड़ी...
खिली सी कली..
रह गई खड़ीं...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
मंद बयार बही...
"सब" सही सही...
क्यों रही रही...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
अधखुली सी फली...
महके खुली-खुली...
चांदनी भी जली...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
साँसे रुकी-रुकी...
नज़रें झुकी-झुकी...
वो कैसे मिली???
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
मन रुके नहीं...
जाये कहीं-कहीं...
बांछे खिली-खिली...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
आशाएं भरी-भरी...
मौजें उड़ी-उड़ी...
बातें खरी-खरी...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
कलम चल पड़ी...
नज़र उड़ चली...
कोई लगी भली...
कोई लगी भली...
---- धर्मेन्द्र गंगवार
Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
Jawahar Navodaya Vidyalaya, Devarhalli
Channagiri- Tq
Davanagere- Dist
(Karnatka) 577213
Mobile- 8088762856
9027554524
--
Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
JNV Davanagere (Karnatka)
read patel times
क्या आप पटेल टाईम्स पढ़ते हैं?
आईये पढ़ें और लेख ,विचार और समाचार भेजें | हम प्रकाशित करेंगे |
blog......pateltimes.blogspot.com
eid......horisardaratel@gmail.com
please send matters to eid above.
EK SHER
Tuesday, 22 November 2011
REQUEST FROM READERS AND VIEWERS
where readers are increasing writing for this blog is not satisfactory . comments are not coming. your articles, poems are also not coming.we want two way traffic . pl start writing to us . you may send your news where you live.your problems, and prob of society you may send to publish in blog and site
kurmikshatriyamahaasangh.blogspot.com
kurmikshatriyamahaasangh.com
pateltimes.blogspot.com
you are again requested to write us and send matters to email id ......given in blogs itself. comments you can write directly in blogs.. in our community writting habits are very poor. pl develop this skill like brahman samaj and kayastha samaj.
MAHRAJGANJ[UP] GRAMIN BHRAMAN
MAHRAJGANJ[UP] GRAMIN BHRAMAN
Monday, 21 November 2011
मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक ######################### महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्री बाबूलाल भी भाग लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे . ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र
मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक ######################### महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्री बाबूलाल भी भाग लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे . ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र
Friday, 18 November 2011
अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ के जनपद उन्नाव के अध्यक्ष *************************************************************************** डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित करें [1] उपाध्यक्ष [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन मंत्री . तहसील और ब्लाक संगठन भी खडा करें .
Thursday, 17 November 2011
KURMI AUR GAREEBI
Sunday, 13 November 2011
meeting in sultanpur[up]
कैश क्राप पर जोर दिया गया . सत्ता और साहित्य में भागीदारी का आन्दोलन सराहा गया . राजनैतिक जागरूकता पर बल दिया गया.
Thursday, 10 November 2011
MADHEPUR,MACHLISHAHAR[JAUNPUR
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधन में कहा की आज भी यह समाज ९९% गांवों में रहता है इसलिए इसकी हिस्सेदारी सत्ता और साहित्य में बहुत कम है . अपने २ घंटे के विस्तृत उद्बोधन में श्री होरी जी ने कहा की खेती व्यावसायिक करें , सागौन युकिलिप्तास के पेड़ लगायें ,नगरों में प्लाटिंग के धंधे करें ,आस पास के कस्बों में अधिक से अधिक बसें तभी सत्ता और साहित्य ,पत्रकारिता में भागीदारी हो पायेगी.
प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर विजय पटेल ने सभा का संचालन किया और जिला अध्यक्ष श्री रामचंद्र पटेल ने अध्यक्षता की .
समग्र विकास का प्राण लेते हुए भैथक ६ बजे समाप्त की गयी. तहसील और ब्लाक तथा जिला पदाधिकारियों का चयन किया गया .
Wednesday, 9 November 2011
VISIT OF MACHHALISHAHAR[JAUNPUR],UP
Monday, 7 November 2011
कुर्मी गुर्जर एक उद्भव ************************* देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित जाति मुख्य रूप से दिल्ली ,राजस्थान ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों से गुर्जर परिषद् के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय| दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य में अपना योगदान अवश्य देते रहें |इससे शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |
Monday, 31 October 2011
सम्मानित सदस्यों , सुधी पाठकों , लेखकों,कवियों,रचनाकारों से निवेदन है कि अपने लेख , रचनाएँ , विचार प्रकाशन हेतु महा संघ के ई मेल पर भेजें ....... horisardarpatel @gmail.com तथा kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com
patel jayanti par vishesh lekh
प्रजातंत्र में कहने को तो जनता का शासन होता है पर वास्तव में उन्ही के निर्णय ,निर्देश चलते हैं जो सत्ता में विराजमान होते हैं ....इनमें भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रधान मंत्री और राज्यों के स्तर पर मुख्य मंत्री ही विशेष महत्वपूर्ण होते हैं | अब अगर इन पदों में बैठे लोग दृढ इच्छाशक्ति के होंगे , आदर्श चरित्र के होंगे तो देश, समाज का दूसरा रूप होगा और अगर कायर , डरपोक लिजलिजे होंगे तो देश का वातावरण दूसरा होगा , अगर गलती से जो आज बहुतायत में हो रहा है ...इन पदों में निष्ठां हीन , दलीय स्वार्थों में लिप्त , स्वार्थी , घमंडी, भ्रष्टाचार में आनंदित आएंगे तो वही द्रश्य होगा जो आज है |
देश में कितने ही आन्दोलन हो जाँय ,कितने ही जय प्रकाश और अन्ना आ जाँय जब तक चुनाव वैतरिणी गंदी रहेगी , कुछ न होगा ....इसको तैर कर आने वाले नेता अच्छे हों यह संभव न होगा , इसी तरह के घोटालेबाज आएंगे जो हमारे लोकतंत्र को इसी तरह का बना देंगे जैसा आज है |तब न गाँधी आएंगे और न पटेल आएंगे आएंगे तो बस ....
चुनाव प्रणाली को बदलने के लिए राजनैतिक दल भला क्यों तैयार होंगे ? उनके जैसों के लिए स्वर्ग तो इसी व्यवस्था में है ... नरक में तो देश और जनता होती है |
इसलिए अगर इस देश को सरदार पटेल का देश चाहिए तो हमें ऐसी चुनाव प्रणाली विकसित करनी पड़ेगी जो चुन कर सरदार पटेल भेजे , गाँधी भेजे नहीं तो रावण ,सूर्पनखा भेजने की प्रणालियों से तो देश ऊब चूका है बस अब घड़ा भरना बाकी है |
सरदार पटेल जयंती के अवसर पर आईये हम सब व्रत लें की चुनाव सुधार का आन्दोलन तब तक चलायें जब तक चुनाव सुधार लागू न हो जांए | तब हमें नेताओं के रूप में निश्चित ही सरदार मिलेंगे , सुभाष मिलेंगे , गाँधी , आंबेडकर मिलेंगे |
Sunday, 30 October 2011
patel jayanti par vishesh lekh
लौह पुरुष सरदार पटेल
******************
३१ अक्तूबर को उस लौहपुरुष सरदार पटेल ,जो विश्व पटल पर अपना कोई शानी नहीं रखता , की जयंती सम्पूर्ण राष्ट्र मनायेगा | विभिन्न कार्यक्रमों में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जायेगा |
यहाँ मैं दो बिन्दुओं से चर्चा आरम्भ करना चाहूँगा .....एक उनपर कहूँगा जो सरदार पटेल के बाद उनपर चर्चा करना ही बंद कर चुके थे १९४७ से आज तक , वे आज भी या तो चर्चा नहीं कर रहे हैं या फिर मजबूरी में ही अब उनका नाम लेने को विवश हैं ...क्योंकि अब उनकी तरकश में कोई तीर चलाने के लिए नहीं बचा है |
दो ...उनपर जो चर्चा तो करते आ रहे हैं परन्तु केवल इतहास का रोना भर रो कर अपने वक्तव्यों,भाषणों की इतिश्री कर लेते रहे हैं |ये लोग भी राष्ट्र के मन मष्तिष्क को झकझोरने में नाकामयाब रहे हैं | इनके कार्यकलाप और संवाद कभी भी राष्ट्र की मुख्यधारा में नहीं आ पाए और न ही ये सरदार पटेल को राष्ट्र के लिए अपरिहार्य की स्थिति में ही ला सके | फलतः ये स्वयं नेपथ्य में तो रहे ही ,सरदार को भी नेपथ्य से बाहर नहीं ला सके , राष्ट्र फलस्वरूप सरदार की सेवाओं से ,उनके आदर्शों से , उनकी नीतिओं से वंचित ही रहा |
सर्वप्रथम उन पर ही चर्चा कर लें जिन्होंने सरदार पर चर्चा ही नहीं की और न ही करने दी | सरदार पटेल के स्वर्ग्वाश के बाद उनकी समाधी के लिए दो गज जमीन राजधानी दिल्ली में न देने वाले भारत की सत्ता में काबिज हो गए | प्रधान मंत्री पद के लिए जिसे जनता ने चुना वह सरदार प्रधान मंत्री न बनसका और जोड़तोड़ वाले प्रधान मंत्री उनके जीते जी बन गए ,फिर उनके जाने के बाद तो गद्दी में उन्ही को बैठना ही था , जो उनका नाम भूल कर भी नहीं लेते थे |
सरदार पटेल अप्रासांगिक बना दिए गए ,सरदार की नीतियां , द्रह्ड़ता , राष्ट्रवाद एक किनारे और पंचशील ,भारीउद्योग, गुटनिरपेक्षता ,विश्वनेत्रत्व अदि कथित आदर्शवाद देश में थोपे गए | आज भी यही सब कम ज्यादा हो रहा है | केंद्र में सरकारें जिन नीतिओं पर ४७ से चल रही हैं उनसे ही राष्ट्र के क्षरण की नींव पड़ रही है | गंभीर चिंता और चिंतन का विषय है |
दूसरे वे लोग और उनके विचार जो हलके फुल्के अंदाज़ में अपनी बात कह कर , जयंती मना कर अपना फ़र्ज़ पूरा करते रहे |वे सत्ता और संसाधनों से दूरी के कारण भारत पर अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए | वे इतिहास का रोना रोते रहे , कुछ लोग रोने में उनका साथ देते रहे तो कुछ लोग उनकी ठिठोली करते रहे | ले दे कर सरदार पटेल ३१ अक्टूबर की जयंती तक या मूर्तियों तक सीमित हो कर रह गए |
आज जब राष्ट्र लगातार आतंकवादियों से जूझते ,जूझते थक रहा है ,संसद का हमलावर मौज से छाती में मूंग दल रहा है , कसाब हम पर हंस रहा है , अफजल गुरु हमारा गुरु बन गया है ...देश के राज्य राष्ट्रीय अस्मिता पर हमला करने वालों ,प्रधानमंत्री की हत्या करने वालों को माफ़ी के प्रस्ताव पास कर रहे हों ....हम हरे हुए खिलाडी की तरह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की अब सरदार पटेल से दूरी से काम न चलेगा ....अन्यथा वह दिन ही दूर नहीं जब राष्ट्र ही न बचे तब .....भयानक यक्ष प्रश्न ......
भ्रष्टाचार वह दूसरा मुद्दा है जिससे यह राष्ट्र न केवल आंदोलित है अपितु आकंठ डूबा हुआ कराह रहा है | यहाँ भी सरदार पटेल ही उत्तर नज़र आते हैं ....पटेल के राश्ते चलने वाले नेता वह सब कर ही नहीं सकते थे जो ४७ से आज तक देश में ये करते आये हैं |
राष्ट्रीय एकता और अखंडता आज तार तार हो रही है , आतंकवाद चरम पर है , भ्रष्टाचार शीर्ष पर.........तब पटेल याद ही नहीं आएंगे अपितु अब उनके अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचता |
राष्ट्र जिस चौराहे पर वर्षों से खड़ा है उससे बस सफलता का , राष्ट्र निर्माण का एक ही रास्ता जाता है और वह है ....सरदार का रास्ता ...पटेल का रास्ता | राष्ट्र की सारी समस्याओं के तालों की एक ही चाभी है ...सरदार पटेल | आईये हम उनकी जयंती पर प्रतिज्ञां करें की देश के एक एक बच्चे को अब पटेल की नीतिओं पर चलाएंगे एक एक बच्चे को सरदार पटेल बनांयेंगे|
जयहिंद , जय पटेल |
पटेल राज कुमार सचान 'होरी'