प्रथम दिवस [३/१२/११] का भ्रमण .....
शहीद स्मारक के बाद कुर्मिक्षत्रिय महा संघ का काफिला तीन बड़ी गाड़ियों में सवार सबसे पहले पहुंचा ग्राम बरहरा मीर श्री अनिल पटेल ग्राम प्रधान के निवास | इनके यहाँ संक्षिप्त बैठक हुयी और किसान भाईयों को सागौन ,पपीता , बांस, सब्जियों और फूलों की खेती पर विशेष ध्यान देने के लिए 'होरी' जी ने जोर दिया और कहा की गेहूं और धान को अपने परिवार की आवस्यकता भर बोयें | गेहूं और धान में लागत के मुकाबले आय कम है इसलिए इनको बोने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगडती जा रही है | देश में आज भी कुर्मियों की आबादी का ९९% गांवों में रह कर खेती करता है इस कारण कुर्मी विशेष कर गरीब होता जा रहा है |
महाराज गंज में किसानों के पास बड़ी जोते हैं वे आसानी से अपनी भूमि के कुछ हिस्से में बांस और सागौन लगा सकते हैं |ये दोनों पेड़ मेड़ों में भी लगा सकते हैं | इस क्षेत्र में भ्रमण में पाया गया की ये पेड़ भरी संख्या में किसानों ने लगाये हैं लेकिन उनमें पूछने पर ज्ञात हुआ की कुर्मी किसानों की संख्या अत्यंत कम है |राजनीतिक जागरूकता पर भी वार्तालाप में जोर दिया गया | समाज के उत्थान पर जोर के साथ बैठक समाप्त हुयी | जिले के पदाधिकारियों का चयन कर उनका सम्मान किया गया |
इसके बाद कारवां चल पडा ग्राम करौता ,यहाँ की बैठक आयोजित कीथी ग्राम प्रधान श्री ब्रह्म्मानंद पटेल ने | यहाँ पर समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया और विभिन्न वक्ताओं द्वारा संघ की और से सामाजिक सुधार और उत्थान के कार्यक्रमों का समर्थन किया गया | ग्रामवासियों द्वारा राष्ट्रिय अध्यक्ष के आह्वाहन पर खेती में परिवर्तन का समर्थन किया गया |'होरी' जी ने कहा की बिना पेट भरे उन्नति संभव नहीं व्यावसायिक खेती के साथ बकरी पालन के व्यवसाय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कुर्मी परिवारों के लिए इसे अपनाने पर जोर दिया ....कम लागत में अधिक लाभ इसका मूल मन्त्र है .धन्यवाद् के साथ काफिला चल पडा ....
ग्राम पिपरा सोनारी |ग्राम प्रधान मुन्नी लाल पटेल ने सभी का स्वागत किया |भारी जन समूह को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधित किया | बिरादरी की शहरीकरण की स्थिति पर कहा की देश में ३०% जनसँख्या शहरों में है पर कुर्मी आज भी ९९% गांवों में है इसे दूर करना होगा और अपने पास के कस्बों में बसना होगा | निचलौल , नौतनवा , महाराज गंज तथा अन्य कस्बों में कुर्मियों की आबादी मात्र एक प्रतिशत है जबकि अन्य समाजों की अधिक आबादी है |जो कुर्मियों से सत्ता और साहित्य में आगे हैं |
ग्राम लाल पुर चटिया रात ७ बजे पहुंचे भारी संख्या में यहाँ भी स्वागत का कार्यक्रम था जो एक घंटे चला यहाँ के पत्रकार श्री सुरेश चौधरी तथा इन्द्रजीत चौधरी ने आयोजन मिल कर ग्राम वासियों के साथ किया था भारी उत्त्साह के साथ कार्यक्रम चला | आज का अंतिम कार्यक्रम था सर्कह्वा ठुठी बारी में एक मंदिर के प्रांगन में एकदम नेपाल बार्डर में नो मैन्स लैंड के पास यहाँ का आयोजन किया था श्री जगन्नाथ सिंह और श्री नन्द जी ने ,दोनों बुद्धि जीवी और प्रधानाचार्य | रात १० बजे तक चले इस कार्यक्रम में उत्त्साह देखते ही बनता था | भारत के एक ओर नेपाल के किनारे बसे निवासियों ने एक स्वर से श्री 'होरी' जी का आभार प्रदर्शित किया और उनके नेतृत्व में समाज को उठाने में कदम से कदम मिला कर चलने का आश्वासन दिया |
वापस महाराज गंज मुख्यालय रात १२ बजे काफिला पहुंचा और दिन भर के सफल कार्यक्रमों के बाद यहाँ रात्रि विश्राम किया |
कुर्मिक्षत्रिय महा संघ/ पटेल टाईम्स ब्यूरो
शहीद स्मारक के बाद कुर्मिक्षत्रिय महा संघ का काफिला तीन बड़ी गाड़ियों में सवार सबसे पहले पहुंचा ग्राम बरहरा मीर श्री अनिल पटेल ग्राम प्रधान के निवास | इनके यहाँ संक्षिप्त बैठक हुयी और किसान भाईयों को सागौन ,पपीता , बांस, सब्जियों और फूलों की खेती पर विशेष ध्यान देने के लिए 'होरी' जी ने जोर दिया और कहा की गेहूं और धान को अपने परिवार की आवस्यकता भर बोयें | गेहूं और धान में लागत के मुकाबले आय कम है इसलिए इनको बोने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगडती जा रही है | देश में आज भी कुर्मियों की आबादी का ९९% गांवों में रह कर खेती करता है इस कारण कुर्मी विशेष कर गरीब होता जा रहा है |
महाराज गंज में किसानों के पास बड़ी जोते हैं वे आसानी से अपनी भूमि के कुछ हिस्से में बांस और सागौन लगा सकते हैं |ये दोनों पेड़ मेड़ों में भी लगा सकते हैं | इस क्षेत्र में भ्रमण में पाया गया की ये पेड़ भरी संख्या में किसानों ने लगाये हैं लेकिन उनमें पूछने पर ज्ञात हुआ की कुर्मी किसानों की संख्या अत्यंत कम है |राजनीतिक जागरूकता पर भी वार्तालाप में जोर दिया गया | समाज के उत्थान पर जोर के साथ बैठक समाप्त हुयी | जिले के पदाधिकारियों का चयन कर उनका सम्मान किया गया |
इसके बाद कारवां चल पडा ग्राम करौता ,यहाँ की बैठक आयोजित कीथी ग्राम प्रधान श्री ब्रह्म्मानंद पटेल ने | यहाँ पर समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया और विभिन्न वक्ताओं द्वारा संघ की और से सामाजिक सुधार और उत्थान के कार्यक्रमों का समर्थन किया गया | ग्रामवासियों द्वारा राष्ट्रिय अध्यक्ष के आह्वाहन पर खेती में परिवर्तन का समर्थन किया गया |'होरी' जी ने कहा की बिना पेट भरे उन्नति संभव नहीं व्यावसायिक खेती के साथ बकरी पालन के व्यवसाय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कुर्मी परिवारों के लिए इसे अपनाने पर जोर दिया ....कम लागत में अधिक लाभ इसका मूल मन्त्र है .धन्यवाद् के साथ काफिला चल पडा ....
ग्राम पिपरा सोनारी |ग्राम प्रधान मुन्नी लाल पटेल ने सभी का स्वागत किया |भारी जन समूह को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधित किया | बिरादरी की शहरीकरण की स्थिति पर कहा की देश में ३०% जनसँख्या शहरों में है पर कुर्मी आज भी ९९% गांवों में है इसे दूर करना होगा और अपने पास के कस्बों में बसना होगा | निचलौल , नौतनवा , महाराज गंज तथा अन्य कस्बों में कुर्मियों की आबादी मात्र एक प्रतिशत है जबकि अन्य समाजों की अधिक आबादी है |जो कुर्मियों से सत्ता और साहित्य में आगे हैं |
ग्राम लाल पुर चटिया रात ७ बजे पहुंचे भारी संख्या में यहाँ भी स्वागत का कार्यक्रम था जो एक घंटे चला यहाँ के पत्रकार श्री सुरेश चौधरी तथा इन्द्रजीत चौधरी ने आयोजन मिल कर ग्राम वासियों के साथ किया था भारी उत्त्साह के साथ कार्यक्रम चला | आज का अंतिम कार्यक्रम था सर्कह्वा ठुठी बारी में एक मंदिर के प्रांगन में एकदम नेपाल बार्डर में नो मैन्स लैंड के पास यहाँ का आयोजन किया था श्री जगन्नाथ सिंह और श्री नन्द जी ने ,दोनों बुद्धि जीवी और प्रधानाचार्य | रात १० बजे तक चले इस कार्यक्रम में उत्त्साह देखते ही बनता था | भारत के एक ओर नेपाल के किनारे बसे निवासियों ने एक स्वर से श्री 'होरी' जी का आभार प्रदर्शित किया और उनके नेतृत्व में समाज को उठाने में कदम से कदम मिला कर चलने का आश्वासन दिया |
वापस महाराज गंज मुख्यालय रात १२ बजे काफिला पहुंचा और दिन भर के सफल कार्यक्रमों के बाद यहाँ रात्रि विश्राम किया |
कुर्मिक्षत्रिय महा संघ/ पटेल टाईम्स ब्यूरो
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