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Thursday, 24 November 2011

ek mahatwapoorna sujhaw

परिवार जो नगरों में बस गए 
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समाज के वे परिवार जो कस्बों , नगरों में शिफ्ट हो गए और जिनके परिवारों में खेती को देखने वाला कोई नहीं है  ,उन्होंने अपने खेतों को या तो आधे /तिहाई पर  दे रखा है या वार्षिक किराये पर उठा देते   हैं  जिसे   रेंट /ठेका /बल्कठ  कहते हैं , इन्हें खेती से  अपेक्षित लाभ नहीं होता है .उनके लिए सुझाव है कि खेतों में सुरक्षा बाड़ लगा कर टीक [सागौन] लगा दें तीन ,तीन मीटर  पर . समय समय पर पानी , खाद की व्यवस्था  भी  करते  रहें . एक  अवधि  के पश्चात  एक बहुत  बड़ी पूँजी आपके हाथ होगी जो लाखों से करोणों तक हो सकती   है  
                                           आईये  कुछ तो सोचें . आपका भला है .
                                               राज कुमार सचान 'होरी'

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