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Friday 9 December 2011

EK DIN ,EK GHANTE

एक दिन ,एक घंटा 
जो भी जहाँ भी है वहीँ प्रत्येक दिन एक घंटा समाज सेवा में दें . इस एक घंटे केवल सामाजिक  उत्थान का चिंतन और कार्य करें . माह में एक दिन पूरा का पूरा समाज सेवा को अर्पित करें . अपनी ,अपनी पसंद के क्षेत्र चुन लें और उनमें उपलब्धियां प्राप्त करें . आपके इस योगदान से समाज स्वयमेव ऊपर उठ जायेगा और आपको संतुष्टि भी मिलेगी .तो आईये देर किस बात की .......
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