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Saturday 31 December 2011

CHHATTISGARHA KE KURMI



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HAPPY NEW YEAR

चांदी जैसा आज हो , कल कंचन की खान |
हीरे सा नव वर्ष हो ,  शुभ  कामना सचान ||
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
दो  जीरो बारह छुएं , निज कर से  आकाश |
'होरी ' की शुभ कामना , जीवन भरे  प्रकाश ||
 ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
     राज कुमार सचान 'होरी'

urine therapy


Sunday 25 December 2011

क्या आप सामाजिक संगठन कूर्मि क्षत्रिय महा संघ से जुड़ेंगे ? अपना कार्य क्षेत्र चुनें . सूचित करें .....ईमेल horisardarpatel @gmail .com ब्लॉग kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com में मेम्बर बनें

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Tuesday 20 December 2011

BAMBOO PLANTATION BY FARMERS, ITS PROFIT

bamboo plantation [बांस की खेती ]
एक बांस के पेड़ में अनेक किल्ले निकलते हैं और तीसरे साल से बांस की कोठी तैयार हो जाती है | एक कोठी से हर वर्ष 15 से ३० बांस  बिक्री के लिए उपलब्ध  होते हैं जो ५० से ६० वर्षों तक मिलते रहते हैं | बांस का सर्वाधिक प्रयोग कागज़ बनाने में होता है ,फर्नीचर और घरेलु सामान बनाने के भी बांस काम आता है | दुनिया में बांस की कीमत लगातार बढ़ रही है | आज की कीमत में एक मोटे बांस की कीमत रुपया ८० से १२० तक है | 
                                               आईये अब इसकी खेती की चर्चा करें | जहां पर गेंहूँ , धान , आलू और मोटे अनाजों की लागत बिक्री मूल्य से अधिक आती है और किसानों के लिए इनकी खेती बोझ बन जाती है तथा गरीबी का कारण बनती है, वहीं बांस की खेती में देखें क्या मिलता है ? एक हेक्टेर में  ४ मीटर की दूरी पर बांस लगते  हैं और इस हिसाब से कुल ६२५ पेड़ लग सकते हैं | अर्थात एक हेक्टेयर में  बांस की ६२५ कोठियां तैयार होंगी जिनमे तीसरे वर्ष से प्रत्येक कोठी से औसत २० बांस मिलने पर कुल  १२५०० [ बारह हज़ार पांच सौ  ] बांस प्रत्येक वर्ष मिलेंगे | औसत १०० रूपये के हिसाब से कुल कीमत होगी रूपये १२५००० [बारह लाख पांच हज़ार ] प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर किसान को मिलेंगे | छोटे किसान कम भूमि में इसी हिसाब से पेड़ लगा सकते हैं और उपयुक्त लाभ उठा सकते हैं |
                                तो आईये किसानों को समझाए उनकी गरीबी मिटायें |
                                                                              राज कुमार सचान 'होरी' 

Monday 12 December 2011

PATELS OF WORLD

WE ARE SORRY TO SAY SO , OUR COMMUNITY COMMUNICATES LESS WITH ONE ANOTHE IN COMPARISON TO OTHERS . VERY UNFORTUNATE SYMPTOM. IT SHOWS WE ARE STILL UNDEVELOPED. SANGH REQUESTS YOU CHANGE BEHAVIOR  AND TO BECOME FORWARD.
                          PL COMMUNICATE US WITH OUR EMAILS.
                                                 WAITING.
                                                               KURMIKSHATRIYAMAHAASANGH.BLOGSPOT.COM
                                                           PATELTIMES.BLOGSPOT.COM

WELCOME SUGGESTIONS


you are energetic ,devoted to hard work and have feeling to serve society. so mahaasangh requests you to send suggestions for social service . we welcome your suggestions. suggestions will be published in blogs ..'kurmikshatriyamahaasangh.blogspot.com'  and 'pateltimes.blogspot.com'
valuable suggestions will be spread over through our workers in whole country and abroad .
                    pl send to email ..horisardarpatel@gmail.com

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Sunday 11 December 2011

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GAANW , GALI , KHALIHAAN

गांव , गली ,खलिहान 
(1) राजनीति करते नहीं  , पड़े हुए हैं खेत|
'होरी' सत्ता सुख सभी , राजनीति ही देत ||
(२)नहीं नौकरी कर रहे, और न ही व्यवसाय ||
वे  नेतागीरी    करें ,    और न   कोयि  उपाय ||
(३) सौ में हैं निन्यानवे , गाँव ,गली , खलिहान |
'होरी'  कुर्मी   का   कहो , हो   कैसे     उत्थान ||
(४) औरों  से डरते  रहे  , पर  आपस में   युद्ध  |
दुखी  शिवा , सरदार सब ,  और  दुखी हैं  बुद्ध ||
(5) कुर्मी   गांवों  में रहे , शहरों   से अति दूर |
भाग्य  भरोसे   बैठ कर , कुर्मी  अति  मजबूर ||
(६) टीक  , बांस   खेती करें , छोड़ें गेहूं  धान |
'होरी'  धन  दौलत  मिले , आगे  बढ़ें  सचान ||
                                                राज कुमार सचान 'होरी'
  

Saturday 10 December 2011

BAS THODAA SAA

एक दिन ,एक घंटा 
जो भी जहाँ भी है वहीँ प्रत्येक दिन एक घंटा समाज सेवा में दें . इस एक घंटे केवल सामाजिक  उत्थान का चिंतन और कार्य करें . माह में एक दिन पूरा का पूरा समाज सेवा को अर्पित करें . अपनी ,अपनी पसंद के क्षेत्र चुन लें और उनमें उपलब्धियां प्राप्त करें . आपके इस योगदान से समाज स्वयमेव ऊपर उठ जायेगा और आपको संतुष्टि भी मिलेगी .तो आईये देर किस बात की .......
    kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com
     pateltimes .blogspot .com
             माना  आप अपने व्यक्तिगत , पारिवारिक कार्यों में लगे हैं , यह भी परम आवश्यक है लेकिन समाज का विकास कौन करेगा ? समाज के विकास का दायित्व  किसका है ?वह भी तो हमारा ही  है | आईये जागरूक  बनें  ,जागरूक करें | थोडा ही सही कुछ तो सामाजिक धर्म  निभाएं |तो  आईये देर किस बात की ......अपने किये कार्यों ,विचारों की जानकारी महा संघ और पटेल टाईम्स को उनकी ई मेल्स पर भेजें |
                                                           राज कुमार सचान 'होरी' 

Friday 9 December 2011

EK DIN ,EK GHANTE

एक दिन ,एक घंटा 
जो भी जहाँ भी है वहीँ प्रत्येक दिन एक घंटा समाज सेवा में दें . इस एक घंटे केवल सामाजिक  उत्थान का चिंतन और कार्य करें . माह में एक दिन पूरा का पूरा समाज सेवा को अर्पित करें . अपनी ,अपनी पसंद के क्षेत्र चुन लें और उनमें उपलब्धियां प्राप्त करें . आपके इस योगदान से समाज स्वयमेव ऊपर उठ जायेगा और आपको संतुष्टि भी मिलेगी .तो आईये देर किस बात की .......
    kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com
     pateltimes .blogspot .com

Wednesday 7 December 2011

राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव ************************************** कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें | ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली

राजनैतिक  कार्यकर्ताओं का घोर  अभाव 
**************************************
कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें |
                                                                                                  ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली   

राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव ************************************** कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें | ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली

राजनैतिक  कार्यकर्ताओं का घोर  अभाव 
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कुर्मी समाज में जनसँख्या की द्रष्टि से राजनैतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है इसीलिये विभिन्न दलों में चुनाओं के समय टिकट पाने वालों की संख्या अत्यंत नगण्य रहती है | जनसँख्या की तुलना में तभी न तो मंत्री बन पाते हैं और न ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री | वर्तमान में कुर्मिक्षत्रिय महा संघ ने सर्वे किया है कि .१ % से भी कम राजनैतिक कार्यकर्ता हैं | आईये राजनीतिक जागरूकता पैदा करें | जो किसी जाब में नहीं वे समाज सेवा और राजनीति करें |
                                                                                                  ब्यूरो चीफ पटेल टाईम्स , दिल्ली   

Monday 5 December 2011

[पिछड़ा और दलित ]कौन ......???????? जो वर्ग लेखन , कविता ,पत्रकारिता , साहित्य से दूर रहता है वही पिछड़ा है . कुर्मियों को देखो ..कवि , लेखक. ,पत्रकार अत्यंत मुश्किल से एक - दो पूरे देश में मिलते हैं . आईये पिछड़ों को उठायें ...कलम थमाएं , patrakar और साहित्यकार बनायें . कुर्मिक्षत्रिय महा संघ

[पिछड़ा और दलित ]कौन ......????????
जो  वर्ग   लेखन , कविता ,पत्रकारिता , साहित्य    से दूर   रहता है वही पिछड़ा है . कुर्मियों को  देखो ..कवि , लेखक. ,पत्रकार  अत्यंत मुश्किल से एक -  दो पूरे देश में मिलते हैं  .
आईये    पिछड़ों को उठायें ...कलम थमाएं , patrakar   और साहित्यकार बनायें .
                                                                                                        कुर्मिक्षत्रिय महा  संघ  

VISIT OF 3RD DECEMBER OF MAHARAJ GANJ

प्रथम दिवस [३/१२/११] का भ्रमण .....
शहीद स्मारक के बाद कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का काफिला तीन बड़ी गाड़ियों में सवार सबसे पहले पहुंचा ग्राम बरहरा मीर श्री अनिल पटेल ग्राम प्रधान के निवास | इनके यहाँ संक्षिप्त बैठक हुयी और किसान भाईयों को सागौन ,पपीता , बांस, सब्जियों और फूलों की खेती पर विशेष ध्यान देने के लिए 'होरी' जी ने जोर दिया और कहा की गेहूं और धान को अपने परिवार की आवस्यकता भर बोयें | गेहूं और धान में लागत के मुकाबले   आय कम है इसलिए इनको बोने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगडती जा रही है | देश में आज भी कुर्मियों की आबादी का ९९% गांवों में रह कर खेती करता है इस कारण कुर्मी विशेष कर गरीब होता जा रहा है |
             महाराज गंज में किसानों के पास बड़ी जोते हैं वे आसानी से अपनी भूमि के कुछ हिस्से में बांस और सागौन लगा सकते हैं |ये दोनों पेड़ मेड़ों में भी लगा सकते हैं |    इस क्षेत्र में भ्रमण में पाया गया की ये पेड़ भरी संख्या में किसानों ने लगाये हैं लेकिन उनमें पूछने पर ज्ञात हुआ की कुर्मी किसानों की संख्या अत्यंत कम है |राजनीतिक जागरूकता पर भी वार्तालाप में जोर दिया गया | समाज के उत्थान पर जोर के साथ बैठक  समाप्त हुयी | जिले के पदाधिकारियों का चयन कर उनका सम्मान किया गया |
                          इसके बाद कारवां चल पडा ग्राम करौता ,यहाँ की बैठक आयोजित कीथी ग्राम प्रधान श्री ब्रह्म्मानंद पटेल ने | यहाँ पर समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया और विभिन्न वक्ताओं द्वारा संघ की और से सामाजिक सुधार और उत्थान   के कार्यक्रमों का समर्थन किया गया | ग्रामवासियों द्वारा राष्ट्रिय अध्यक्ष के आह्वाहन पर खेती में परिवर्तन का समर्थन किया गया |'होरी' जी ने कहा की बिना पेट भरे उन्नति संभव नहीं  व्यावसायिक खेती के साथ बकरी पालन के व्यवसाय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कुर्मी परिवारों के लिए इसे अपनाने पर जोर दिया ....कम लागत में अधिक लाभ इसका मूल मन्त्र है .धन्यवाद् के साथ काफिला चल पडा ....
ग्राम पिपरा सोनारी |ग्राम प्रधान मुन्नी लाल पटेल ने सभी का स्वागत किया |भारी जन समूह को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधित किया | बिरादरी की शहरीकरण की स्थिति पर कहा की देश में ३०% जनसँख्या शहरों में है पर कुर्मी आज भी ९९% गांवों में है इसे दूर करना होगा और अपने पास के कस्बों में बसना होगा | निचलौल , नौतनवा , महाराज गंज तथा अन्य कस्बों में कुर्मियों की आबादी मात्र एक प्रतिशत है जबकि अन्य समाजों की अधिक आबादी है |जो कुर्मियों से सत्ता और साहित्य में आगे हैं |
                 ग्राम लाल पुर चटिया रात ७ बजे पहुंचे भारी संख्या में यहाँ भी स्वागत का कार्यक्रम था जो एक घंटे चला यहाँ के पत्रकार श्री सुरेश चौधरी  तथा इन्द्रजीत चौधरी ने आयोजन मिल कर ग्राम वासियों के साथ किया था भारी उत्त्साह के साथ कार्यक्रम चला | आज का अंतिम कार्यक्रम था सर्कह्वा ठुठी बारी में एक मंदिर के प्रांगन में एकदम नेपाल बार्डर में नो मैन्स लैंड के पास यहाँ का आयोजन किया था श्री जगन्नाथ सिंह और श्री नन्द जी ने ,दोनों बुद्धि जीवी और प्रधानाचार्य | रात १० बजे तक चले इस कार्यक्रम में उत्त्साह देखते ही बनता था | भारत के एक ओर नेपाल के किनारे बसे निवासियों ने एक स्वर से श्री 'होरी' जी का आभार प्रदर्शित किया और उनके नेतृत्व  में समाज को उठाने में कदम से कदम मिला कर चलने का आश्वासन दिया |
         वापस महाराज गंज मुख्यालय रात १२ बजे काफिला पहुंचा और दिन भर के सफल कार्यक्रमों के बाद यहाँ रात्रि विश्राम किया |
                                                                     कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ/ पटेल टाईम्स ब्यूरो  
 

Sunday 4 December 2011

shahid smarak maharaj ganj

शहीद स्मारक बिशुन पुर गबडुआ ,महाराज गंज 
महा  संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रसिद्ध साहित्यकार पटेल राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय संरक्षक हरिपाल  सिंह [लखनऊ] ,प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण चन्द्र वर्मा ,प्रदेश संगठन मंत्री चौधरी विश्राम सिंह पटेल , प्रदेश महा सचिव अशोक पटेल ,मंडलीय अध्यक्ष पटेल  विजय चौधरी ,महाराज गंज ,कुशीनगर ,गोरख पुर के पदाधिकारियों तथा कुछ समाज सेवी अधिकारीयों के साथ  ३ तारीख़  को पहुंचे शहीद स्मारक बिशुन पुर गबडुआ , महाराज गंज |
       बड़ी संख्या में शहीद स्मारक पर उपस्थित ग्रामीणों ने उत्त्साह से भाग लिया इनमें ग्रामीण महिलाएं भी थीं |२ घंटे तक चले कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करने के पूर्व स्मारक पर पुष्पांजलि की और अगर बत्तियां प्रज्ज्वलित की |२७ अगस्त १९४२ की स्वतंत्रता की लडाई में इसी गाँव में लोग शहीद हुए थे और अनेकों गिरफ्तार हए थे जो आजीवन जेलों में रह कर स्वर्गवासी हुए थे | शहीदों के नाम .....
[१] श्री सुखराज कुर्मी पुत्र बेचन कुर्मी
[२]श्री झिंकू कुर्मी  पुत्र मानिक  कुर्मी 
[३]श्री कशी नाथ कुर्मी पुत्र हर दयाल कुर्मी 
                         स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ....
[१] श्री राम देव चौधरी पुत्र फेकू 
[२] श्री त्रिलोक चौधरी पुत्र जद्दू 
[३]श्री महा देव चौधरी पुत्र गोपाल 
[४] श्री राम धारी चौधरी पुत्र ब्रज मोहन 
[५] श्री तिलक धारी  चौधरी पुत्र जद्दू 
[६] श्री सरजू चौधरी पुत्र राम सुभग 
[७] श्री शिव दत्त चौधरी पुत्र बिशुन 
[८] श्री हरिवंश चौधरी पुत्र राम किशुन 
[९] श्री राम जतन चौधरी पुत्र शंकर 
[१०] श्री जनक राज लोहार पुत्र परमेश्वर 
[११] श्री नगई लोहार पुत्र रुपयी 
[१२] श्री सरजू चौधरी पुत्र रुपयी 
[१३] श्री मानिक चौधरी पुत्र बुद्धू 
[१४] श्री राम लखन चौधरी पुत्र मानिक 
[१५] श्री बनारसी चौधरी पुत्र त्रिलोचन 
                                                             सभा में श्री अशर्फी लाल चौधरी अध्यक्ष शहीद स्मारक समिति अपने विचार रखते रखते रो पड़े ,आंसुओं में दर्द था अपने पूर्वजों के लिए और पीड़ा थी शासन और प्रशासन की  उपेक्षा की | स्मारक का चबूतरा क्षत विक्षत था ,पत्थर टूटे   थे | गाँव में विकास कार्य न थे | श्री असरफी लाल ने और संरक्षक श्री चन्द्र भान चौधरी ने मांग की गांवके बाहर शहीद द्वार के स्थापना की | गांव के प्रधानपति श्री नन्द कुमार चौधरी भी सभा में उपस्थित रहे | श्री 'होरी' ने अपने भाव पूर्ण संबोधन में स्राधांजलि देते हुए विभिन्न समस्याओं के निराकरण और मांगों को पूर्ण करने के लिए वादा किया की सम्बंधित से कह कर सब पूर्ण कराया जायेगा , अपने पदाधिकारियों से अनुरोध किया की वे लगातार संपर्क बनाये रखें | इतिहास् लिखने  के लिए प्रेरित करते हुए कहा की जो समाज लेखक नहीं पैदा करते उनके महा पुरुष उपेक्षित हो जाते हैं , तभी इस संग्राम को गोरख पुर के गजेटियर में भी तीन पंक्तियाँ मिलीं जब की इस पर तो अनेकों किताबें लिखी जातीं |इस पर एक किताब स्वयं लिखने का ashwasan देते हुए कहा की   वे इसको इंटर नेट के माध्यम  से सम्पूर्ण दुनिया तक पहुचाएंगे |
                          शहीद मेला में २७ जनवरी२०१२ को जनता की मांग पर भाग लेने का आश्वासन देते हुए  अपनी माँ की स्मृति ट्रस्ट 'सुखरानी फ़ौंडेशन ' से रुपये ११ हजार स्मारक को दान दिए |
                                            यहाँ से समाज सेवकों का काफिला निकल पड़ा अन्य सुदूर गांवों की ओर.......
                                                                                                                                                      कुर्मी क्षत्रिय महा संघ /पटेल टाईम्स ब्यूरो  

Friday 2 December 2011

VISIT OF MAHARAJGANJ ON 3RD AND 4TH DECEMBER

FOR SOCIAL AND RURAL DEVELOPMENT SHREE RAJ KUMAR SACHAN 'HORI' IS VISITING MAHARAJGANJ[UP] SPECIALLY RURAL AREAS ON 3RD AND 4TH DECEMBER 11. DISTT IS SITUATED IN EASTERN UP  NEAR NEPAL, KUSHINAGAR, GORAKHPUR, SIDDHARTH NAGAR
                IT IS RURAL AND UNDEVELOPED DISTT. LET US DEVELOP IT UNITEDLY.KISANS AND KURMIS NEED SPECIAL CARE.
                                                                                                BEURO CHIEF .
                                                                                                   PATEL TIMES 

VISIT OF MAHARAJGANJ ON 3RD AND 4TH DECEMBER

FOR SOCIAL 

VISIT OF MAHARAJGANJ ON 3RD AND 4TH DECEMBER

FOR SOCIAL 

VISIT OF


Sunday 27 November 2011

1857 ke shahid raja jay lal singh ......


अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
                              अतरौलिया  ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक  है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ  कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
                                                                  राजा गरीब दास
                                                                      राजा दर्शन सिंह 
[१]पहली रानी                                               [२] मझली रानी                  [३] छोटी रानी 
एक लड़की मात्र                [१]रघुबर दयाल       [२]फ़तेह बहादुर       [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल 
                             [१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप                                तेज प्रताप सिंह          ठाकुर प्रसाद सिंह 
                                                                                             [१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण    [१]नरसिंह [२]सतगुरु 
                                                                                                 [१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह  [१] खुनखुन सिंह 
                                                                                                     [१]राजेंद्र प्रताप सिंह 
       रानी  श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं  जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग   फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं . 
               राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
                                                      राज कुमार सचान 'होरी'          

1857 ke amar yoddha

अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को 

Friday 25 November 2011

sultanpur, jaunpur visit 26/11/11

जौनपुर ,सुल्तानपुर का भ्रमण दिनांक २६/११/११ 
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राष्ट्रीय अध्यक्ष कुर्मि क्षत्रिय महा  संघ और सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री राज कुमार सचान 'होरी' का समाज के उत्थान तथा समस्यायों के निराकरण और स्वाभिमान बढ़ाने के लिए इन जनपदों का पुनः एक बार फिर से दौड़ा किया जा रहा है .मित्रों से तथा समाज के सदस्यों से अनुरोध है विशेष कर जो इन जनपदों के मूल निवासी हैं कि अपने सुझाव और सहयोग  हमें दें . अपने विचार कृपया निम्न पर भेजें .....
kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com और pateltimes .blogspot .com में दी गयी ईमेल पर .
आपके अच्छे सुझाव इन ब्लोग्स पर तथा साईट पर प्रकाशित किये जायेंगे .
                                                                  संपादक 

Thursday 24 November 2011

ek mahatwapoorna sujhaw

परिवार जो नगरों में बस गए 
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समाज के वे परिवार जो कस्बों , नगरों में शिफ्ट हो गए और जिनके परिवारों में खेती को देखने वाला कोई नहीं है  ,उन्होंने अपने खेतों को या तो आधे /तिहाई पर  दे रखा है या वार्षिक किराये पर उठा देते   हैं  जिसे   रेंट /ठेका /बल्कठ  कहते हैं , इन्हें खेती से  अपेक्षित लाभ नहीं होता है .उनके लिए सुझाव है कि खेतों में सुरक्षा बाड़ लगा कर टीक [सागौन] लगा दें तीन ,तीन मीटर  पर . समय समय पर पानी , खाद की व्यवस्था  भी  करते  रहें . एक  अवधि  के पश्चात  एक बहुत  बड़ी पूँजी आपके हाथ होगी जो लाखों से करोणों तक हो सकती   है  
                                           आईये  कुछ तो सोचें . आपका भला है .
                                               राज कुमार सचान 'होरी'

Wednesday 23 November 2011

Fwd: कविता



---------- Forwarded message ----------
From: Dharmendra Gangwar <jnvdharmendra@gmail.com>
Date: 2011/11/23
Subject: कविता
To: horisardarpatel@gmail.com


कोई लगी भली...

 

जब वो मुड़ी...

खिली सी कली..

रह गई खड़ीं...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

मंद बयार बही...

"सब" सही सही...

क्यों रही रही...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

अधखुली सी फली...

महके खुली-खुली...

चांदनी भी जली...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

साँसे रुकी-रुकी...

नज़रें झुकी-झुकी...

वो कैसे मिली???

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

मन रुके नहीं...

जाये कहीं-कहीं...

बांछे खिली-खिली...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

आशाएं भरी-भरी...

मौजें उड़ी-उड़ी...

बातें खरी-खरी...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

 

कलम चल पड़ी...

नज़र उड़ चली...

कोई लगी भली...

कोई लगी भली...

                                                                        ---- धर्मेन्द्र गंगवार      

Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
Jawahar Navodaya Vidyalaya, Devarhalli

Channagiri- Tq

 Davanagere- Dist 

(Karnatka) 577213

Mobile- 8088762856

            9027554524



--
Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
JNV Davanagere (Karnatka)

read patel times


क्या  आप पटेल टाईम्स पढ़ते हैं?
आईये  पढ़ें   और लेख ,विचार और समाचार  भेजें | हम प्रकाशित  करेंगे |
blog......pateltimes.blogspot.com
eid......horisardaratel@gmail.com
please send matters to eid above.

EK SHER

एक शेर ....
इस  तन  को तो छूते  रहे   उम्रभर,
इसका मन भी छुआ है,छुआ कीजिये |
                          राज कुमार सचान 'होरी'

Tuesday 22 November 2011

REQUEST FROM READERS AND VIEWERS

day by day readers are increasing ,this shows how much interest you have in our blog . there is a hindi www.kurmikshatriyamahaasangh.com whose readership is also increasing fast.
               where readers are increasing writing for this blog is not satisfactory . comments are not coming. your articles, poems are also not coming.we want two way traffic . pl start writing to us . you may send your news where you live.your problems, and prob of society you may send to publish in blog and site
                                         kurmikshatriyamahaasangh.blogspot.com
                                        kurmikshatriyamahaasangh.com
                                          pateltimes.blogspot.com
                              you are again requested to write us and send matters to email id  ......given in blogs itself. comments you can write directly in blogs.. in our community writting habits are very poor. pl develop this skill like brahman samaj and kayastha samaj.

MAHRAJGANJ[UP] GRAMIN BHRAMAN

महाराजगंज[यु.पी.] में ग्रामीण भ्रमण 
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प्रसिद्ध साहित्यकार और सामाजिक चिन्तक  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राज कुमार सचान होरी जनपद महाराजगंज के दो दिवसीय भ्रमण में रहेंगे . ३ दिसंबर और ४ दिसंबर को चार तहसीलों में फैले ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जनसंपर्क कर उनकी कृषि ,परिवारिय समस्यायों पर चर्चा करेंगे .साथ में राष्ट्रीय महा सचिव श्री रामदेव पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर  विजय पटेल भी रहेंगे.इनके  अतिरिक्त  विश्राम चौधरी प्रदेश संगठन मंत्री , असोक पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री कृष्ण चन्द्र वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष  भी दो दिवसीय दौरे में साथ रहेंगे .महा संघ के गोरखपुर मंडल  के पदाधिकरी भी ग्रामीण भ्रमण करेंगे .महाराजगंज एक खेतिहर  जिला  है जहां पर कुर्मी समाज के किसानों की भारी संख्या है जिनमें से गरीब और पिछड़े  किसानों की संख्या बहुत अधिक है.खेती का व्यवसायिक करण , शहरी रोजगार , सत्ता और साहित्य में भागीदारी पर किसान भाईयों से विमर्श किया जायेगा .जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति के लिए  क्या कदम आवश्यक हैं इस पर गहन चिंतन किया जायेगा. 
                                                             अपने गत भ्रमण में श्री होरी ने पाया था की यहाँ  के लोगों में बहुत उत्त्साह है और उर्जा  भी ,इन्हें राष्ट्र  के विकास  की मुख्यधारा  में आसानी से लाया जा सकता है यदि गंभीर पहल की जाय ,इसीको धन में रख राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह दो दिवसीय ग्रामीण भ्रमण कार्यक्रम रखा है. 
            उक्त कार्यक्रम को लेकर  जनपद में समाज के किसानों में भारी उत्साह है.कुर्मी किसानों के साथ ही श्री 'होरी' अन्य समाज के कुछ किसानों से भी मिलेंगे .
                                                                                                         ब्युरोचीफ़ पटेल टाईम्स ,गोरखपुर 

MAHRAJGANJ[UP] GRAMIN BHRAMAN

महाराजगंज[यु.पी.] में ग्रामीण भ्रमण 
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प्रसिद्ध साहित्यकार और सामाजिक चिन्तक  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राज कुमार सचान होरी जनपद महाराजगंज के दो दिवसीय भ्रमण में रहेंगे . ३ दिसंबर और ४ दिसंबर को चार तहसीलों में फैले ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जनसंपर्क कर उनकी कृषि ,परिवारिय समस्यायों पर चर्चा करेंगे .साथ में राष्ट्रीय महा सचिव श्री रामदेव पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर  विजय पटेल भी रहेंगे.इनके  अतिरिक्त  विश्राम चौधरी प्रदेश संगठन मंत्री , असोक पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री कृष्ण चन्द्र वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष  भी दो दिवसीय दौरे में साथ रहेंगे .महा संघ के गोरखपुर मंडल  के पदाधिकरी भी ग्रामीण भ्रमण करेंगे .महाराजगंज एक खेतिहर  जिला  है जहां पर कुर्मी समाज के किसानों की भारी संख्या है जिनमें से गरीब और पिछड़े  किसानों की संख्या बहुत अधिक है.खेती का व्यवसायिक करण , शहरी रोजगार , सत्ता और साहित्य में भागीदारी पर किसान भाईयों से विमर्श किया जायेगा .जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति के लिए  क्या कदम आवश्यक हैं इस पर गहन चिंतन किया जायेगा. 
                                                             अपने गत भ्रमण में श्री होरी ने पाया था की यहाँ  के लोगों में बहुत उत्त्साह है और उर्जा  भी ,इन्हें राष्ट्र  के विकास  की मुख्यधारा  में आसानी से लाया जा सकता है यदि गंभीर पहल की जाय ,इसीको धन में रख राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह दो दिवसीय ग्रामीण भ्रमण कार्यक्रम रखा है. 
            उक्त कार्यक्रम को लेकर  जनपद में समाज के किसानों में भारी उत्साह है.कुर्मी किसानों के साथ ही श्री 'होरी' अन्य समाज के कुछ किसानों से भी मिलेंगे .
                                                                                                         ब्युरोचीफ़ पटेल टाईम्स ,गोरखपुर 

Monday 21 November 2011

मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक ######################### महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्री बाबूलाल भी भाग लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे . ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र

मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक 
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महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष   डाक्टर श्री बाबूलाल भी  भाग  लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे .
                                                                                               ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र 

मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक ######################### महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्री बाबूलाल भी भाग लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे . ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र


Friday 18 November 2011

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ के जनपद उन्नाव के अध्यक्ष *************************************************************************** डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित करें [1] उपाध्यक्ष [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन मंत्री . तहसील और ब्लाक संगठन भी खडा करें .

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ  के  जनपद  उन्नाव   के अध्यक्ष  
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           डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव  महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित  करें 
[1] उपाध्यक्ष   [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष  [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन  मंत्री  . तहसील और  ब्लाक संगठन भी खडा करें .

Thursday 17 November 2011

KURMI AUR GAREEBI

कुर्मी और गरीबी 
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देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों  या व्यवसाय में लगा है.इन  5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को  मजबूर है .आज सभी को पता  है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ  कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही .
                                   इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़  में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी  और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा .
                         चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो  जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे  .
                              आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा.
                                                                                                    राज कुमार सचान 'होरी' 
                                                                                                           राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ 

Sunday 13 November 2011

meeting in sultanpur[up]

१०/११/११ को शायंग ८ बजे से सुल्तानपुर [उत्तर प्रदेश] में जनपद के कतिपय गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारीयों के साथ कुर्मिक्ष्त्रिय महा संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक हुयी . बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राजकुमार सचान 'होरी' तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सामजिक चिन्तक पटेल सुरेश कटियार ने  भाग लिया जिसमे समाज के सुधार के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुयी . समाज के शहरीकरण की आवश्यकता अनुभव की गयी .
            कैश क्राप पर जोर दिया गया . सत्ता और साहित्य  में भागीदारी का आन्दोलन  सराहा गया . राजनैतिक जागरूकता पर बल दिया गया.

Thursday 10 November 2011

MADHEPUR,MACHLISHAHAR[JAUNPUR

आज मधेपुर ,मछलीशहर  ,जनपद  जौनपुर  में अखिलभारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा  संघ की बैठक हुयी  . विचार विमर्श का विषय था 'सत्ता ,साहित्य  और कुर्मिसमाज '
                 राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधन में कहा की आज भी यह समाज ९९% गांवों में रहता है इसलिए इसकी हिस्सेदारी सत्ता और साहित्य में बहुत कम है . अपने २ घंटे के विस्तृत उद्बोधन में श्री होरी जी ने कहा की  खेती व्यावसायिक करें , सागौन युकिलिप्तास के पेड़ लगायें ,नगरों में प्लाटिंग के धंधे करें ,आस पास के कस्बों में अधिक से अधिक बसें तभी सत्ता और साहित्य ,पत्रकारिता  में भागीदारी हो पायेगी.
                     प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर विजय पटेल ने सभा का संचालन किया  और जिला अध्यक्ष श्री रामचंद्र पटेल ने अध्यक्षता की .
                समग्र विकास का प्राण लेते हुए भैथक ६ बजे समाप्त की गयी. तहसील और ब्लाक तथा जिला पदाधिकारियों का चयन किया गया .

Wednesday 9 November 2011

VISIT OF MACHHALISHAHAR[JAUNPUR],UP

राष्ट्रिय अध्यक्ष  पटेल राज कुमार सचान 'होरी'  कल १० नवम्बर ११ को मछली शहर ,जौनपुर में कुर्मी समाज की एक विशाल  सभा को सम्बोधित करेंगे . प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर विजय पटेल  द्वारा आयोजित इस सभा में क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे .
                                                         आप सभी से अनुरोध है कि अधिक से अधिक आकर  कार्यक्रम को सफल बनायें और कुर्मी समाज के विकाश में अपना योगदान दें .
                                                                                                        डाक्टर विजय पटेल 
                                                                                                        प्रदेश अध्यक्ष 
                                                                                         अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ 

Monday 7 November 2011

कुर्मी गुर्जर एक उद्भव ************************* देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित जाति मुख्य रूप से दिल्ली ,राजस्थान ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों से गुर्जर परिषद् के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय| दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य में अपना योगदान अवश्य देते रहें |इससे शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |

 कुर्मी  गुर्जर एक उद्भव 
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देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा  ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित  जाति मुख्य रूप  से दिल्ली  ,राजस्थान  ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब  और पश्चिमी  उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता  है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए  पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष  श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों  से गुर्जर परिषद्  के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि  आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय|
               दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य  में अपना योगदान अवश्य देते रहें  |इससे  शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |

Monday 31 October 2011

सम्मानित सदस्यों , सुधी पाठकों , लेखकों,कवियों,रचनाकारों से निवेदन है कि अपने लेख , रचनाएँ , विचार प्रकाशन हेतु महा संघ के ई मेल पर भेजें ....... horisardarpatel @gmail.com तथा kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com

सम्मानित सदस्यों , सुधी पाठकों , लेखकों,कवियों,रचनाकारों से निवेदन है कि अपने लेख , रचनाएँ , विचार प्रकाशन हेतु महा संघ के ई मेल पर भेजें .......
horisardarpatel @gmail.com  तथा kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com  

patel jayanti par vishesh lekh


लौह पुरुष सरदार पटेल 
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३१ अक्तूबर को उस लौहपुरुष सरदार पटेल ,जो विश्व  पटल पर अपना कोई शानी नहीं रखता , की जयंती सम्पूर्ण राष्ट्र मनायेगा | विभिन्न कार्यक्रमों में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जायेगा |
                  यहाँ मैं दो बिन्दुओं से चर्चा आरम्भ करना चाहूँगा .....एक उनपर कहूँगा जो सरदार पटेल के बाद उनपर चर्चा करना ही बंद कर चुके थे   १९४७ से आज तक , वे आज भी या तो चर्चा नहीं कर रहे हैं या फिर मजबूरी में ही अब उनका नाम लेने को विवश हैं ...क्योंकि अब उनकी तरकश में कोई तीर चलाने के लिए नहीं बचा है |
            दो ...उनपर जो चर्चा तो करते आ रहे हैं परन्तु केवल इतहास का रोना भर रो कर अपने वक्तव्यों,भाषणों की इतिश्री कर लेते रहे हैं |ये लोग भी राष्ट्र के मन मष्तिष्क को झकझोरने में नाकामयाब रहे हैं | इनके कार्यकलाप और संवाद कभी भी राष्ट्र की मुख्यधारा में नहीं आ पाए  और न ही ये सरदार पटेल को राष्ट्र के लिए अपरिहार्य की स्थिति में ही ला सके | फलतः ये स्वयं नेपथ्य में तो रहे ही ,सरदार को भी नेपथ्य से बाहर नहीं ला सके , राष्ट्र फलस्वरूप सरदार  की सेवाओं से ,उनके आदर्शों  से , उनकी नीतिओं से वंचित ही रहा |
                                                 सर्वप्रथम उन पर ही चर्चा कर लें जिन्होंने सरदार पर चर्चा ही नहीं की और न ही करने दी | सरदार पटेल के स्वर्ग्वाश के बाद उनकी समाधी के लिए दो गज जमीन राजधानी दिल्ली में न देने वाले भारत की सत्ता में काबिज हो गए | प्रधान मंत्री पद के लिए जिसे जनता ने चुना वह सरदार प्रधान मंत्री न बनसका और जोड़तोड़ वाले प्रधान मंत्री उनके जीते जी बन गए ,फिर उनके जाने के बाद तो गद्दी में उन्ही को बैठना ही था , जो उनका नाम भूल कर भी नहीं लेते थे |
                       सरदार पटेल अप्रासांगिक बना दिए गए ,सरदार की नीतियां , द्रह्ड़ता , राष्ट्रवाद एक किनारे और पंचशील ,भारीउद्योग, गुटनिरपेक्षता ,विश्वनेत्रत्व  अदि कथित आदर्शवाद देश में थोपे गए | आज भी यही सब कम ज्यादा हो रहा है | केंद्र में सरकारें जिन  नीतिओं पर ४७ से चल रही हैं उनसे ही राष्ट्र के क्षरण की नींव पड़ रही है | गंभीर चिंता और चिंतन का विषय है |
                                       दूसरे वे लोग और उनके विचार जो हलके फुल्के अंदाज़ में अपनी बात कह कर , जयंती मना कर  अपना फ़र्ज़ पूरा करते रहे |वे सत्ता और संसाधनों से दूरी के कारण भारत पर अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए | वे इतिहास का रोना रोते रहे , कुछ लोग रोने में उनका साथ देते रहे तो कुछ लोग उनकी ठिठोली करते रहे | ले दे कर सरदार  पटेल ३१ अक्टूबर की जयंती तक  या मूर्तियों तक सीमित हो कर रह गए |
                                    आज जब राष्ट्र लगातार आतंकवादियों से जूझते ,जूझते थक रहा है ,संसद का हमलावर मौज से छाती में मूंग दल रहा है , कसाब हम पर हंस रहा है , अफजल गुरु हमारा गुरु बन गया है ...देश के राज्य राष्ट्रीय अस्मिता पर हमला करने वालों ,प्रधानमंत्री की हत्या करने वालों को माफ़ी के प्रस्ताव पास कर रहे हों ....हम हरे हुए खिलाडी की तरह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की अब सरदार पटेल से दूरी से काम न चलेगा ....अन्यथा वह दिन ही दूर नहीं जब राष्ट्र ही न बचे तब .....भयानक यक्ष प्रश्न ......
                           भ्रष्टाचार वह दूसरा मुद्दा है जिससे यह राष्ट्र न केवल आंदोलित है अपितु आकंठ  डूबा  हुआ  कराह रहा है | यहाँ भी सरदार पटेल ही उत्तर नज़र आते हैं ....पटेल के राश्ते चलने वाले नेता वह सब कर ही नहीं सकते थे जो ४७ से आज तक देश में ये करते आये हैं   |
                 राष्ट्रीय एकता और अखंडता आज तार तार हो रही है , आतंकवाद चरम पर है , भ्रष्टाचार शीर्ष पर.........तब पटेल याद ही नहीं आएंगे अपितु अब उनके अलावा  कोई रास्ता ही नहीं बचता 
प्रजातंत्र में कहने को तो जनता का शासन होता है पर वास्तव में उन्ही के निर्णय ,निर्देश चलते हैं जो सत्ता में विराजमान होते हैं ....इनमें भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रधान मंत्री  और राज्यों के स्तर पर मुख्य मंत्री ही विशेष महत्वपूर्ण होते हैं | अब अगर इन पदों में बैठे लोग दृढ इच्छाशक्ति के होंगे , आदर्श चरित्र के होंगे तो देश, समाज का दूसरा रूप होगा और अगर कायर , डरपोक लिजलिजे होंगे तो देश का वातावरण दूसरा होगा , अगर गलती से जो आज बहुतायत में हो रहा है ...इन पदों में निष्ठां हीन , दलीय स्वार्थों में लिप्त , स्वार्थी , घमंडी, भ्रष्टाचार में आनंदित आएंगे तो वही द्रश्य होगा जो आज है |
                             देश में कितने ही आन्दोलन हो जाँय ,कितने ही जय प्रकाश और अन्ना आ जाँय जब तक चुनाव वैतरिणी   गंदी रहेगी , कुछ न होगा ....इसको तैर कर आने वाले नेता अच्छे हों यह संभव न होगा , इसी तरह के घोटालेबाज  आएंगे जो हमारे लोकतंत्र को इसी तरह का बना देंगे जैसा आज है |तब न गाँधी आएंगे  और न पटेल आएंगे    आएंगे तो बस ....
                          चुनाव प्रणाली को बदलने के लिए राजनैतिक दल भला क्यों तैयार होंगे ? उनके जैसों के लिए स्वर्ग तो इसी व्यवस्था  में है ... नरक में तो देश और  जनता होती है |
                         इसलिए अगर इस देश को सरदार पटेल का देश चाहिए तो हमें ऐसी चुनाव प्रणाली विकसित करनी पड़ेगी जो चुन कर सरदार पटेल भेजे , गाँधी भेजे  नहीं तो रावण ,सूर्पनखा भेजने  की प्रणालियों से तो देश ऊब चूका है बस अब घड़ा भरना बाकी है | 
                                 सरदार पटेल जयंती के अवसर पर आईये हम सब व्रत लें की चुनाव सुधार का आन्दोलन तब तक चलायें जब तक चुनाव सुधार लागू न हो जांए | तब हमें नेताओं के रूप में निश्चित ही सरदार मिलेंगे , सुभाष मिलेंगे , गाँधी , आंबेडकर मिलेंगे | 
                          राष्ट्र जिस  चौराहे पर वर्षों से खड़ा है    उससे बस सफलता का , राष्ट्र निर्माण का एक ही रास्ता जाता है  और वह है ....सरदार का रास्ता ...पटेल का रास्ता | राष्ट्र की सारी समस्याओं के तालों की एक ही चाभी है ...सरदार पटेल    | आईये हम उनकी जयंती पर प्रतिज्ञां करें   की देश के एक एक बच्चे को अब पटेल की नीतिओं पर चलाएंगे  एक एक बच्चे को सरदार पटेल बनांयेंगे|
                            जयहिंद , जय पटेल |
                                                                  पटेल राज कुमार सचान 'होरी'   

Sunday 30 October 2011

patel jayanti par vishesh lekh



लौह पुरुष सरदार पटेल 
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३१ अक्तूबर को उस लौहपुरुष सरदार पटेल ,जो विश्व  पटल पर अपना कोई शानी नहीं रखता , की जयंती सम्पूर्ण राष्ट्र मनायेगा | विभिन्न कार्यक्रमों में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जायेगा |
                  यहाँ मैं दो बिन्दुओं से चर्चा आरम्भ करना चाहूँगा .....एक उनपर कहूँगा जो सरदार पटेल के बाद उनपर चर्चा करना ही बंद कर चुके थे   १९४७ से आज तक , वे आज भी या तो चर्चा नहीं कर रहे हैं या फिर मजबूरी में ही अब उनका नाम लेने को विवश हैं ...क्योंकि अब उनकी तरकश में कोई तीर चलाने के लिए नहीं बचा है |
            दो ...उनपर जो चर्चा तो करते आ रहे हैं परन्तु केवल इतहास का रोना भर रो कर अपने वक्तव्यों,भाषणों की इतिश्री कर लेते रहे हैं |ये लोग भी राष्ट्र के मन मष्तिष्क को झकझोरने में नाकामयाब रहे हैं | इनके कार्यकलाप और संवाद कभी भी राष्ट्र की मुख्यधारा में नहीं आ पाए  और न ही ये सरदार पटेल को राष्ट्र के लिए अपरिहार्य की स्थिति में ही ला सके | फलतः ये स्वयं नेपथ्य में तो रहे ही ,सरदार को भी नेपथ्य से बाहर नहीं ला सके , राष्ट्र फलस्वरूप सरदार  की सेवाओं से ,उनके आदर्शों  से , उनकी नीतिओं से वंचित ही रहा |
                                                 सर्वप्रथम उन पर ही चर्चा कर लें जिन्होंने सरदार पर चर्चा ही नहीं की और न ही करने दी | सरदार पटेल के स्वर्ग्वाश के बाद उनकी समाधी के लिए दो गज जमीन राजधानी दिल्ली में न देने वाले भारत की सत्ता में काबिज हो गए | प्रधान मंत्री पद के लिए जिसे जनता ने चुना वह सरदार प्रधान मंत्री न बनसका और जोड़तोड़ वाले प्रधान मंत्री उनके जीते जी बन गए ,फिर उनके जाने के बाद तो गद्दी में उन्ही को बैठना ही था , जो उनका नाम भूल कर भी नहीं लेते थे |
                       सरदार पटेल अप्रासांगिक बना दिए गए ,सरदार की नीतियां , द्रह्ड़ता , राष्ट्रवाद एक किनारे और पंचशील ,भारीउद्योग, गुटनिरपेक्षता ,विश्वनेत्रत्व  अदि कथित आदर्शवाद देश में थोपे गए | आज भी यही सब कम ज्यादा हो रहा है | केंद्र में सरकारें जिन  नीतिओं पर ४७ से चल रही हैं उनसे ही राष्ट्र के क्षरण की नींव पड़ रही है | गंभीर चिंता और चिंतन का विषय है |
                                       दूसरे वे लोग और उनके विचार जो हलके फुल्के अंदाज़ में अपनी बात कह कर , जयंती मना कर  अपना फ़र्ज़ पूरा करते रहे |वे सत्ता और संसाधनों से दूरी के कारण भारत पर अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए | वे इतिहास का रोना रोते रहे , कुछ लोग रोने में उनका साथ देते रहे तो कुछ लोग उनकी ठिठोली करते रहे | ले दे कर सरदार  पटेल ३१ अक्टूबर की जयंती तक  या मूर्तियों तक सीमित हो कर रह गए |
                                    आज जब राष्ट्र लगातार आतंकवादियों से जूझते ,जूझते थक रहा है ,संसद का हमलावर मौज से छाती में मूंग दल रहा है , कसाब हम पर हंस रहा है , अफजल गुरु हमारा गुरु बन गया है ...देश के राज्य राष्ट्रीय अस्मिता पर हमला करने वालों ,प्रधानमंत्री की हत्या करने वालों को माफ़ी के प्रस्ताव पास कर रहे हों ....हम हरे हुए खिलाडी की तरह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की अब सरदार पटेल से दूरी से काम न चलेगा ....अन्यथा वह दिन ही दूर नहीं जब राष्ट्र ही न बचे तब .....भयानक यक्ष प्रश्न ......
                           भ्रष्टाचार वह दूसरा मुद्दा है जिससे यह राष्ट्र न केवल आंदोलित है अपितु आकंठ  डूबा  हुआ  कराह रहा है | यहाँ भी सरदार पटेल ही उत्तर नज़र आते हैं ....पटेल के राश्ते चलने वाले नेता वह सब कर ही नहीं सकते थे जो ४७ से आज तक देश में ये करते आये हैं   |
                 राष्ट्रीय एकता और अखंडता आज तार तार हो रही है , आतंकवाद चरम पर है , भ्रष्टाचार शीर्ष पर.........तब पटेल याद ही नहीं आएंगे अपितु अब उनके अलावा  कोई रास्ता ही नहीं बचता  |
                          राष्ट्र जिस  चौराहे पर वर्षों से खड़ा है    उससे बस सफलता का , राष्ट्र निर्माण का एक ही रास्ता जाता है  और वह है ....सरदार का रास्ता ...पटेल का रास्ता | राष्ट्र की सारी समस्याओं के तालों की एक ही चाभी है ...सरदार पटेल    | आईये हम उनकी जयंती पर प्रतिज्ञां करें   की देश के एक एक बच्चे को अब पटेल की नीतिओं पर चलाएंगे  एक एक बच्चे को सरदार पटेल बनांयेंगे|
                            जयहिंद , जय पटेल |
                                                                  पटेल राज कुमार सचान 'होरी'