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Wednesday 6 July 2011

LACK OF FIGHTING SPIRIT

जिस देश के समाज में राजनैतिक   चेतना का अभाव होता है और राष्ट्रीय चेतना न्यून होती है  वह प्रजातांत्रिक और राष्ट्रीय  द्रष्टि से कमजोर [WEAK ]राष्ट्र  होता  है  |ठीक इसी प्रकार  से जिस समाज में  राजनैतिक और  राष्ट्रीय  चेतना  अधिक  होती है वह समाज 'अगड़ा' जैसे  ब्राह्मण , यादव  आदि और  जिस   समाज में इनकी कमी होती  है  वह  समाज  'पिछड़ा' जैसे 'कूर्मि क्षत्रिय'| ऐसे  पिछड़े समाज  देश  की मुख्य धारा से  दूर और  कमजोर  हो जाते  हैं  |कमजोर  समाज  राष्ट्र  को  भी  कमजोर  बनाता है |दलितों और पिछड़े
समाजों   की  अधिकता ही  सम्पूर्ण राष्ट्र  को पिछड़ा और अविकसित
[UNDEVELOPED ]बना देती है |देश  में  इस बात को समझने के
लिए उत्तर प्रदेश का उदाहरण सटीक है  .......यहाँ 'यादव' समाज जाग्रति आने के  बाद कितनी ऊंचाई पर पहुँच गया जबकि कूर्मि समाज  जो एक  समय यादव  समाज  से  आगे था ,देखते देखते पिछड़ गया  |कूर्मि क्षत्रिय समाज  में  राजनैतिक चेतना के इसी अभाव ने इससे आगे भी  भयानक  परिणाम उत्पन्न  किये जिसकी वास्तविकता सब के समक्ष है  |आज स्थिति यह है कि कई पिछड़े
और  दलित  समाज  कुर्मियों  से  मीलों  आगे  निकल चुके हैं |किसी भी
राजनैतिक दल में  कूर्मि मुख्य  भूमिका  में नहीं है |निश्चय ही इसके
लिए कोई न कोई  तो दोषी है  ही  , सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व को  मुख्य  रूप से  उत्तरदायी न  ठहराया जाय तो क्या जनता को  दोष दिया जाय  |वह तो  कुशल नेतृत्व  कि टकटकी लगाए बाट
जोह ही रही थी |कदाचित उसे  दोष देना उपयुक्त न होगा |यह हमारे नेतृत्व में  ही  जुझारूपन का घोर अभाव था , जो सम्पूर्ण जाति
को ही ले डूबा |आज  फसल में  खर पतवार की स्थिति हमारी है |
जो कथित नेतृत्व  राजनीतिक  दलों में  हमारे समाज का है भी वह महज व्यक्तिगत स्तर तक ही सीमित है  ,वे अपनी कुर्सी बचाने और जी हुजूरी में  ही  लगे रहते हैं  |वैसे भी  वे अपने ,अपने क्षेत्रों  तक ही सीमित हैं |उनकी प्रदेश  स्तर पर न तो पहचान है ,न ही उनका इसके लिए कोई प्रयत्न ही  रहता है  |बल्कि उनमे से अधिकाँश तो  जातीय पहचान  बनाने में  ही  डरते हैं |अब स्थिति इतनी भयानक है की समाज  अनाथ की  तरह खडा है  ,कोई संभालने वाला नहीं  |गरीब की लुगाई की तरह  सब  उसे  यूज़ भर कर रहे हैं |
यही हाल बल्कि  इससे भी बहुत बुरा हमारे  तथाकथित सामाजिक
नेतृत्व का है  ,यदि कहा जाय  कि सामाजिक नेतृत्व को तो टार्च
ले कर ढूंढना पड़ता है  , अतिशयोक्ति न  होगी |
                                             आईये इस  घोर अँधेरे में  रास्ता बनाएं |
जुझारू नेतृत्व  पैदा करें जो समाज में नयी ऊर्जा भर सकें |समाज में  जाग्रति और क्रान्ति पैदा  कर  सकें  |राष्ट्रीय स्तर पर एक सिरमौर [PEAK ]संगठन 'अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ '
गठित किया गया है  , आयें हमें बल दें ,हम आपको ,समाज को बल देंगे |हमसे संपर्क करें  ....ई मेल mailto:....कुर्मिक्षत्रियामाहासंघ@जीमेल.com