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Tuesday 20 September 2011

rashtriya adhyaksha ka unnao aur mau [up] bhraman

राष्ट्रीय अध्यक्ष का जनपद उन्नाव और मऊ [उत्तर प्रदेश] दौड़ा संपन्न 
पटेल श्री राज कुमार  सचान 'होरी' ने १६ सितम्बर को उन्नाव और १९ सितम्बर को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के मऊ का व्यापक दौड़ा संपन्न किया |दोनों स्थानों पर समाज का बड़ा जन सैलाब उन्हे सुनने के लिए एकत्त्रित हुआ |महा संघ से जुड़ने और उसके साथ कदम से कदम चलने के लिए समाज में बड़ा उत्त्साह देखा गया |उन्नाव में कार्यक्रम का सञ्चालन प्रदेश उपाध्यक्ष श्री असोक पटेल ने किया , वहीँ मऊ की मीटिंग का सञ्चालन जिला अध्यक्ष मऊ श्री श्रीकांत पटेल ने किया |
                                   अपने दो ,दो घंटों के लम्बे संबोधनों में श्री 'होरी' ने समाज के सर्वंगीन विकास पर जोर देते हुए कहा .....कुर्मी समाज का ९८ से ९९ % आज भी गांवों में रहता है और जो समाज गांवों में रहता है वही पिछड़ा है | इसलिए सबसे पहले हमें  अपना शहरीकरण करना होगा ,अपने गांवों के पास स्थित कस्बों में व्यापार , धंधे  करने होंगे |खेती दिनोदिन अलाभकारी होती जा रही है , फसलों की लागत बढ़ रही है ,किसान  को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है  |कस्बों में आने का अभियान महा संघ द्वारा चलते हुए उसकी त्रैमासिक समीक्षा  की जाती है ,सुझाव और सहयोग भी दिया जाता है |शहरीकरण से जहां आर्थिक स्थिति सुधरेगी वहीँ समाज में सुरक्षा की भावना और राजनीतिक सोच उत्पन्न होगी | साथ ही शहरीकरण से साहित्य में भागीदारी भी बढ़ेगी |
                                             महा संघ के उद्देश्य " सत्ता और साहित्य में भागीदारी " पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्री होरी ने कहा कि सत्ता के दो हिस्से हैं ...राजनीति और तंत्र  | बड़ा खेद का विषय है कि  समाज दोनों में  पीछे है |समाज ने अपने मध्य कभी ऐसे पुत्रों , भाईयों ,बहनों को बढ़ावा नहीं दिया जो राजनीति में आगे बढ़ सकते थे | सामूहिक एकता के अभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि "कुर्मी का छपरा बड़ेरे पै न जाई , औ जात जात जाई तौ तिरछा हुयी जाई " |जो पढने में होशियार नहीं पर संघर्ष में आगे हैं वे भी समाज के लिए बड़ा काम कर सकते हैं . आईये उन्हे आगे बढ़ाएं |
                                          सत्ता से भी अधिक महत्वपूर्ण है ....साहित्य | ब्राह्मण  समाज से प्रेरणा लेते हुए हमें भी अपने मद्ध्य कवि, लेखक , पत्रकार , साहित्यकार पैदा करने होंगे , वातावरण बनाना होगा | पूर्व  की समाज सेवा और महा संघ कि समाज सेवा में यही अंतर है ...हम साहित्य का विरोध नहीं बल्कि उसे अपनाते हैं , अधिक से अधिक किताबें लिखने में जोर देते हैं | वशिष्ठ और चाणक्य के उदाहरण देते हुए होरी बड़े सटीक ढंग से साहित्य , दर्शन ,धर्म के महत्व को प्रतिपादित करते हैं | कवि सम्मलेन करने और युवक युवती परिचय सम्मलेन करने के लक्ष्य प्रत्येक जनपद को देते हुए कहा की युवकों की भागीदारी बढ़ाई जाये |
                                          बुजुर्ग अपना आशीर्वाद दें और युवक कूद पड़ें सत्ता और साहित्य की भागीदारी में | किसान भाईयों की गरीबी को दूर करने के लिए आगे कहा कि मेंड़ों में पेड़ लगायें ...जैसे यूकिलिप्टस और सागौन | गाँधी कि प्रेरणा लेकर बकरी पालन का कार्य समाज को बढ़ कर करना होगा छोटे से ले कर बड़े फार्म तक खोलनें होंगें | इन दोनों स्कीमों पर लोगों ने विशेष रूचि दिखाई |
                                           २ अक्तूबर को प्रादेशिक बैठक रामाधीन कालेज ,बबुगंज ,लखनऊ में तथा ३१ अक्तूबर को पटेल जयंती जी पी ओ पार्क ,लखनऊ में भाग लेने का भी आह्वाहन किया |
                   २२ सितम्बर को महाराजगंज [उप] में विशाल सभा को राष्ट्रीय अध्यक्ष संबोधित करेंगे  |२३ सितम्बर को लखनऊ और २४ तथा २५ को देहरादून [उत्तराँचल ]कि मीटिंगों   को संबोधित   करेंगे | देहरादून में श्री होरी जी का अभिनन्दन और सम्मान भी किया जायेगा |

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