राष्ट्रीय अध्यक्ष का रमाबाई नगर [कानपूर देहात] और कानपूर नगर का भ्रमण ....
अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के उद्देश्यों को क्रियान्वित करने के लिए 14 सितम्बर २०११ को पुखरायां का भ्रमण किया |jansampark के पश्चात् प्रेमा देवी कटियार डिग्री कालेज में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन में काव्यपाठ किया और कवि सम्मलेन का कुशल सञ्चालन किया |यह कवि सम्मेलन श्री राजकुमार सचान 'होरी' की प्रेरणा से तीन वर्ष पहले प्रबंधक श्री विनोद कटियार द्वारा स्थापित किया गया था |इसमें शिक्षा सचिव , कानपूर देहात जनपद के अनेकों अधिकारीयों तथा क्षेत्रीय जनता सहित विद्यार्थियों, और स्टाफ ने भाग लिया |
१५ सितम्बर को घाटमपुर तहसील के कई गावों में समाज के सदस्यों के घरों में होरी जी गए और महा संघ की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की |सत्ता और साहित्य में भागीदारी के महा संघ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए समस्त को प्रेरित किया | सत्ता में दो भाग हैं ...राजनीति और सरकारी तंत्र | सत्ता से समाज बहुत दूर है विशेष कर सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है |सरकारी सेवाओं में भागीदारी भी कम है | योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है |
जो समाज साहित्य में पीछे रहे ve ही पिछड़े बन गए | कुर्मी समाज में आज भी पत्रकार ,कवि ,लेखक , साहित्यकार नहीं हैं एकाध को छोड़ कर | प्रसिद्ध्ह साहित्यकार श्री 'होरी' नें पूर्व में की जा रही समाज सेवाओं पर व्यंग्य करते हुए कहा कि पिछली गलतिओं को भुला कर अब सभी को इन क्षेत्रों में जाने का अभियान चलाना चाहिए | रामराज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि तब भी वशिष्ठ का स्थान सर्वोच्च था |चन्द्रगुप्त मौर्य के राज में चाणक्य का महत्व किसी से छिपा नहीं | १९४७ से आज तक सभी प्रदेशों और देश कि सरकारों में ब्राह्मण समाज का समुचित प्रधिनित्व रहा है | हमें सीखना चाहिए और अधिक से अधिक पत्रकार, कवि , लेखक , साहित्यकार समाज को देना चाहिए |
इस समाज की ९५ % संख्या आज भी गांवों में रहती है | खेती लाभकारी न रहने के कारण खेत की मेंड़ों में सागौन तथा यूकिलिप्टस लगाने तथा गोटरी फ़ार्म [बकरी पालन ] खोलने पर बल देते हुए विस्तार से चर्चा की , जिसको किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया |
सभी लोगों ने कहा की अब समाज को नयी दिशा मिल रही है |
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